SIDH KUNJIKA - AN OVERVIEW

sidh kunjika - An Overview

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

Kunjika Strotam involves huge energy, and it could absolutely change the life of just one who chants it with total devotion.

श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि

देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥ १० ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

श्रृणु देवि ! प्रवक्ष्यामि, कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।

नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥

This is certainly prayer of your Kunjika which is The main reason for awakening. Oh Parvathi, preserve this safeguarded and kept secret from those who are not devotees.  

इसके प्रभाव से जातक उच्चाटन, वशीकरण,  मारण, मोहन, स्तम्भन जैसी सिद्धि click here पाने में सफल होता है.

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